UPSSSC VDO RE EXAM 2018: एआई की मदद से धर दबोचा नकलचियों को.
UPSSSC VDO RE EXAM 2018: ग्राम विकास अधिकारी 2018 के री एग्जाम में आयोग की नकल रोकने की सभी कोशिशें नाकाम होती हुई नजर आईं हैं। लेकिन आयोग द्वारा परीक्षा में इस्तेमाल की गई एक तकनीक अब नकलचियों के लिए गले का फंदा साबित हो रही है।

100 के करीब नकलचियों को धर दबोचा
UPSSSC VDO RE EXAM 2018: आपको बता दें कि इस तकनीक का नाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। जहां इस तकनीक की मदद से पुलिस प्रशासन ने 100 के करीब नकलचियों को धर दबोचा है। वहीं इस तकनीक से पकड़े गए नकलचियों के बाद से वीडीओ री एग्जाम 2018 पर फिर से संकट मंडराने लगा है।
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पकड़ी गई नकलची एआई द्वारा
UPSSSC VDO RE EXAM 2018: प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की गई वीडीओ री परीक्षा 2018 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कमाल का प्रदर्शन कर दिखाया है। जहां इस तकनीक की मदद से करीब 87 संदिग्ध नकलचियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जहां पुलिस ने Al की मदद से दूसरे अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने आए डमी कैंडिडेट यानी की सॉल्वर गैंग के लोगों को भी गिरफ्तार किया है। इन नकलचियों में से 11 सॉल्वर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हैं। वहीं गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद से 12 संदिग्ध सॉल्वर गिरफ्तार किए गए हैं।
व्यवस्था पुख्ता की गई सीएम योगी के निर्देश पर
UPSSSC VDO RE EXAM 2018: वीडीओ री एग्जाम 2018 का आयोजन जब 26 और 27 जून 2023 को कराना सुनिश्चित किया गया, तो परीक्षा के लिए आयोग ने पहले ही कड़े इंतजाम कर लिए। वैसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नकल विहीन परीक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए। इसी के चलते आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया। जिसकी मदद से फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर और तकनीक का उपयोग किया गया। जहां अन्य अभ्यर्थियों की जगह पेपर देने आए सॉल्वर्स को इस तकनीक की मदद से चिन्हित कर लिया गया।
मंडराने लगा संकट परीक्षा पर
UPSSSC VDO RE EXAM 2018: करीब 5 साल बाद फिर से आयोजित हुई वीडीओ री परीक्षा 2018 में हर रोज कई नकलची और सॉल्वर गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद परीक्षा पर भी संकट के बादल मंडराना शुरू हो गया है। जहां अभ्यर्थियों का कहना है कि जब परीक्षा में नकल के इतने मामले सामने आ रहे हैं, तो आखिर परीक्षा को रद्द क्यों नहीं किया जा रहा है। वैसे कई अभ्यर्थी इस डर से भी पुनः परीक्षा की मांग से बचते हुए नजर आ रहे हैं, कि कहीं इस बार भी परीक्षा रद्द होने के बाद पुनः परीक्षा के लिए 5 साल का इंतजार न करना पड़े।