Petrol-Diesel Price: पेट्रोल-डीजल की रेट मे आई गिरावट, जाने क्या है नयी रेट?
Petrol-Diesel Price: मंथली बेस पर डीजल की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 3.4 प्रतिशत बढ़ी थी. 1 से 15 मई के दौरान डीजल की बिक्री 33.1 लाख टन रही थी. पेट्रोल की बिक्री एक से 15 जून तक सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13 लाख टन रह गई.
डीजल-पेट्रोल में आई गिरावट इंटरनेशनल मार्केट में। लेकिन पेट्रोल-डीजल का भाव पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से नहीं बदला है. अब पेट्रोल-डीजल की खपत में भी गिरावट आई है. मानसून आने के साथ ही खेती के लिए डीजल-पेट्रोल की मांग कम होने और यातायात गतिविधियां घटने से जून की शुरुआत में दोनों ईंधन की बिक्री में गिरावट आई है. देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की मांग जून के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 34.3 लाख टन रह गई है.

5.7 प्रतिशत की गिरावट सालाना आधार पर
Petrol-Diesel Price: पहले एग्रीकल्चर सेक्टर की मांग बढ़ने से डीजल की बिक्री अप्रैल में 6.7 प्रतिशत और मई में 9.3 प्रतिशत बढ़ी थी. मंथली बेस पर डीजल की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 3.4 प्रतिशत बढ़ी. 1 से 15 मई के दौरान डीजल की बिक्री 33.1 लाख टन रही थी. पेट्रोल की बिक्री एक से 15 जून तक सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 13 लाख टन रह गई. महीने के आधार पर देखें तो इसकी बिक्री 3.8 प्रतिशत की दर से गिरी. सोमवार सुबह डब्ल्यूटीआई क्रूड गिरकर 71.03 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रू्ड 75.64 डॉलर प्रति बैरल पर देखा गया.
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बढ़ी कृषि गतिविधियांमार्च के दूसरे पहर से
Petrol-Diesel Price: डीजल की बिक्री औद्योगिक और कृषि गतिविधियां बढ़ने से मार्च के दूसरे पखवाड़े से बढ़ी हुई थी. लेकिन मानसून के आगमन ने तापमान गिरा दिया है और जून के पहले पखवाड़े में खेतों की सिंचाई के लिए डीजल जेनसेट का उपयोग कम होने और ट्रैक्टर-ट्रक में इनकी खपत घटने से डीजल की बिक्री में गिरावट आई है. एक से 15 जून के दौरान पेट्रोल की खपत कोविड-19 महामारी में जून, 2021 की तुलना में 44.2 प्रतिशत अधिक थी और महामारी-पूर्व एक से 15 जून, 2019 की तुलना में 14.6 प्रतिशत अधिक थी.
एक से 15 जून, 2021 की तुलना में डीजल की खपत 38 प्रतिशत और जून, 2019 के पहले पखवाड़े की तुलना में 8.8 प्रतिशत अधिक थी. विमानन क्षेत्र के लगातार सक्रिय रहने के साथ, हवाई अड्डों पर भारत में हवाई यात्रा का स्तर कोविड-पूर्व के स्तर के करीब पहुंच गया है. आंकड़ों के अनुसार, विमान ईंधन (ATF) की मांग जून के पहले पखवाड़े में सालाना आधार 2.6 प्रतिशत बढ़कर 2,90,000 टन हो गई. यह 1-15 जून, 2021 के आंकड़ों से 148 प्रतिशत ज्यादा लेकिन 1-15 जून, 2019 की तुलना में 6.8 प्रतिशत कम है.
विमान ईंधन की मांग 1-15 मई, 2023 के 3,01,900 टन से 3.9 प्रतिशत घटी है. सरकारी और निजी पूंजी निवेश में उछाल आने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में गति आई है. विनिर्माण क्षेत्र में भी उछाल आया है जबकि सेवा क्षेत्र मजबूत हुआ है. अधिकारियों ने कहा है कि देश में ईंधन की मांग को पिछले कुछ माह में मजबूत औद्योगिक गतिविधियों से समर्थन मिल रहा था. रसोई गैस एलपीजी की बिक्री 1 से 15 जून के दौरान सालाना आधार पर 1.3 प्रतिशत कम होकर 11.4 लाख टन रह गई.