OPS: सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया नया फैसला, जाने किन कर्मचारियों को नहीं दिया जाएगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ?
OPS: दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैसे सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा जारी तीन मार्च, 2023 के आफिस मेमोरेंडम (कार्यालय प्रपत्र) का पालन करेगी।
थलसेना, नौसेना और वायुसेना सशस्त्र बलों में
OPS: सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही केंद्र सरकार की याचिका पर प्रतिवादी पवन कुमार एवं अन्य को नोटिस भी जारी किया है और फरवरी, 2024 तक जवाब तलब किया है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में फरवरी, 2024 में सुनवाई करेगा। केंद्र सरकार का कहना है कि सर्कुलर में प्रयुक्त किए गए शब्द सशस्त्र बलों में सिर्फ थलसेना, नौसेना और वायुसेना आते हैं, उनमें अर्धसैनिक बल नहीं आते।

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सशस्त्र बल बाहर एनपीएस के दायरे से
OPS: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जिस तीन मार्च, 2023 के डीओपीटी के आफिस मेमोरेंडम का पालन करने का आदेश दिया है, वह आफिस मेमोरेंडम सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट के अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू करने के 11 जनवरी, 2023 के फैसले के बाद जारी किया था।
अधिसूचित किया गया कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम पर
OPS: आफिस मेमोरेंडम का कहना है कि जिन मामलों में केंद्र सरकार के सिविल कर्मचारियों ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना निकलने से पहले विज्ञापित हुई रिक्तियों और भर्तियों में नौकरी पाई हैं और उनकी सर्विस की ज्वाइनिंग एनपीएस लागू होने की तिथि एक जनवरी, 2004 को या उसके बाद हुई है, उन्हें सीसीएस पेंशनल रूल, 1972 जो कि अब 2021 हैं, में पुरानी पेंशन अपनाने का वन टाइम का विकल्प दिया जाएगा। संबंधित सरकारी कर्मचारी इस विकल्प को 31 अगस्त, 2023 तक अपना सकते हैं।
समान मानना ठीक नहीं अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बलों के
OPS: केंद्र सरकार ने याचिका जानकारी देते हुए कहा है कि हाई कोर्ट का अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बलों के समान मानना ठीक नहीं है। हाई कोर्ट ने आदेश देते वक्त एनपीएस योजना के दायरे की अनदेखी की है जिसके अनुसार एनपीएस योजना सशस्त्र बलों यानी थलसेना, नौसेना व वायुसेना को छोड़कर सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू है। हाई कोर्ट ने एनपीएस लागू करने के सर्कुलर को ठीक से नहीं समझा। केंद्र का कहना है कि थलसेना, नौसेना व वायुसेना को एनपीएस से बाहर रखने के पीछे कारण था कि उनके सर्विस और पेंशन रूल सिविल कर्मचारियों और अर्धसैनिक बलों से भिन्न हैं।