Old Pension New Update: पेंशन स्कीम को किया फिर से शुरू, जाने क्या ऐलान किया है सरकार ने पेंशन स्कीम को लेकर?
Old Pension New Update: सीएम ने घोषणा करते हुए बताया है कि कैबिनेट 7 जुलाई को शासन के पहले बजट में पुरानी पेंशन की घोषणा करने पर विचार करेगी. NPS को रद्द करके योजना के अंतगर्त उपलब्ध 19,000 करोड़ का इस्तेमाल सरकारी विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है.

पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर चर्चा
Old Pension New Update: कांग्रेस की सरकार वाले कई राज्यों में पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया है. इसके बाद केंद्रीय कर्मचारी और कई राज्य सरकार कर्मचारियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने की मांग की जा रही है. पिछले दिनों कर्नाटक के कर्मचारियों ने भी ओपीएस को लेकर अपनी मांग तेज की थी.
अब यहां इसको लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि नई कांग्रेस सरकार कैबिनेट की अगली बैठक में पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर चर्चा करेगी.
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पुरानी पेंशन योजना होगी 7 जुलाई से
Old Pension New Update: राज्य सरकार कर्मचारी संघों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद बोलते हुए, सीएम ने घोषणा की कि कैबिनेट 7 जुलाई को शासन के पहले बजट में पुरानी पेंशन की घोषणा करने पर विचार करेगी. कर्नाटक राज्य एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शांताराम तेजा ने कहा कि नई पेंशन योजना को रद्द करके योजना के तहत उपलब्ध 19,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल सरकारी विकास कार्यों के लिए किया जा सकता है.
यह फायदे देती है सरकार पेंशन स्कीम के अंतगर्त
Old Pension New Update: पुरानी पेंशन के तहत सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद हर साल दो बार टेक होम सैलरी का आधा हिस्सा और महंगाई भत्ता मिलेगा. जब वे काम कर रहे थे तो उनके वेतन से किसी प्रकार की कटौती नहीं की गई. वैसे, एनपीएस के अंतगर्त, कर्मचारी अपने वेतन का 10% योगदान करते हैं, जिसे बाद में अलग-अलग फंड में निवेश किया जाता है. कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निवेश पर रिटर्न मिलता है.
साल 2006 के बाद नौकरी ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों के लिए ओपीएस का विस्तार करना विस चुनावों के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल था. कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एनपीएस को पहले ही खत्म कर दिया गया है. राज्य में हालिया मतदान से पहले सैकड़ों कर्मचारियों ने एनपीएस (NPS) का विरोध किया था. तत्कालीन सीएम ने ओपीएस को लागू करने से साफ इंकार कर दिया था.