DA Arrear breaking news 2023 : केंद्र सरकार अब अपने कर्मियों को 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक डीए/डीआर राशि का भुगतान नहीं करेगी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था, केंद्र सरकार का वित्तीय यानी कि राजकोषीय घाटा अभी भी एफआरबीएम (FRBM) अधिनियम में निर्दिष्ट सीमा से दोगुने से अधिक चल रहा है। ऐसी किसी भी स्थिति में, डीए/डीआर के बकाया का भुगतान करना संभव नहीं है।
लगभग 47 लाख सरकारी कर्मचारी और 62 लाख पेंशनभोगी अब निराश होने की कोई जरूरत नहीं हैं। कर्मियों के 34402.32 करोड़ रुपये सरकार से वसूलने की जद्दोजहद फिर शुरू हो गई है। ‘नेशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ एक्शन’ (एनजेसीए) के वरिष्ठ सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDIF) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने पुरानी पेंशन की वसूली के आह्वान के पक्ष में कहा, अब DA/DR का कोरोना काल में 18 माह रुके रुपये के भुगतान के लिए भी लड़ेंगे।
नेशनल काउंसिल ऑफ स्टाफ साइड (JCM) ने 18 महीने के डीए बकाया के शुल्क के लिए कैबिनेट सचिव को लिखा है। वित्त मंत्रालय को भी एक सूची दी गई है। NPS को खत्म करने और OPS को बहाल करने की मांग को लेकर अब आंदोलन किया जा रहा है और बकाया का मुद्दा भी लेकर आया है। इस संबंध में संबंधित सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है। डीए का बकाया सरकार को देना होगा।

यह तर्क केंद्र सरकार की मदद से दिया गया है
DA Arrear breaking news 2023 : कोरोना काल के दौरान रोके गए 18 माह के डीए एरियर का भुगतान को लेकर लंबे समय से केंद्र सरकार के कर्मी व पेंशनभोगी मांग कर रहे थे। इस वर्ष संसद के बजट सत्र में, केंद्र सरकार ने सार्वभौमिक था कि डीए बकाया की राशि को जारी करने के लिए कई कर्मचारी संगठनों से आवेदन प्राप्त किए गए थे। हालांकि, इस संबंध में कोई ठोस आश्वासन देने के बजाय सरकार ने वस्तुतः कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों के मामले में डीए को जारी करना हमेशा संभव नहीं होता है।
केंद्र सरकार अब अपने कर्मियों को 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक डीए/डीआर राशि का भुगतान नहीं करेगी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था, केंद्र सरकार का वित्तीय घाटा FRBM अधिनियम में इंगित सीमा से दोगुने से अधिक चल रहा है। इस प्रकार की स्थिति में, डीए/डीआर के बकाया का भुगतान करना हमेशा संभव नहीं होता है। सी. श्रीकुमार बताते हैं, सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि ऐसे मामलों में कर्मचारी को छह प्रतिशत ब्याज के बराबर भुगतान करना होगा।
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कोरोना काल में DA का भुगतान रोका गया था
DA Arrear breaking news 2023 : केंद्र सरकार ने कोरोना काल के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक के 18 माह के महंगाई भत्ते व तीन किस्तों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी थी। उस समय सरकार ने कहा था कि आर्थिक स्थिति नहीं सुधरने की बात की थी। राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने तत्कालीन कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया। लोगों को उम्मीद है कि उन्हें उनका बकाया मिल जाएगा। शेष वित्त सत्र में सरकार ने इस मांग को एकमुश्त खारिज कर दिया। ’एआईडीईएफ’ के मानक सचिव सी. श्रीकुमार के मुताबिक, केंद्र सरकार के मन में खोट है।
केंद्र ने 2020 की शुरुआत में कोविड-19 की आड़ में सरकारी कर्मियों और पेंशनरों के डीए/डीआर पर रोक लगा दी थी। उस समय केंद्रीय कर्मचारियों को 11 फीसदी डीए की राशि के भुगतान को रोककर 40 हजार करोड़ रुपए जमा किए थे। उसके बाद कार्मिक निगमों के प्रतिनिधियों ने 18 माह के बकाये के भुगतान को लेकर सरकार को कई विकल्प दिये थे. इनमें बकाया का एकमुश्त भुगतान करना भी शामिल है। कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्रा और श्रीकुमार ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर सरकार बकाया जारी करने के लिए कोई और रास्ता निकालना चाहती है तो उसके लिए भी कर्मचारी संगठन तैयार हैं।
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सरकार की घोषणा का क्या निकला मतलब
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कोरोना काल के बाद ऐलान किया था कि कर्मियों को 28 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिल सकता है उस समय उन्होंने बकाया के बारे में कुछ नहीं कहा। केंद्रीय मंत्री के बयान का उद्देश्य था कि 1 जुलाई, 2021 से बढ़े हुए डीए मूल्य को 28 प्रतिशत के अनुरूप माना जाना चाहिए। तदनुसार, जून 2021 और जुलाई 2021 के बीच, आश्चर्यजनक रूप से 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
डीए, जबकि डेढ़ साल की अवधि के लिए डीए लागत में कोई वृद्धि दर्ज नहीं की गई थी। 1 जनवरी 2020 से 1 जुलाई 2021 तक डीए/डीआर फ्रीज किया गया। कोरोना संक्रमण काल में डीए की तीन किस्तें (01 जनवरी 2020, 01 जुलाई 2020, 01 जनवरी 2021) रोकी गई थी। इसके बाद सरकार ने जुलाई 2021 में महंगाई भत्ता बहाल किया था। फिर 18 माह की अंतिम तीन किश्तों का पैसा देने पर सरकार मौन हो गए हैं।
राष्ट्रीय परिषद (JCM) की 48वीं बैठक में क्या कहा गया
बकाया के लिए, कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों के बारे में बताया था। श्रीकुमार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों में कहा था कि राजस्व और पेंशन पर पूरी तरह से कर्मचारियों का अधिकार है। राष्ट्रीय परिषद (JCM) के सचिव/कर्मचारी ने अपने पत्र दिनांक 16/04/2021 द्वारा DA/DR को फ्रीज करने के सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया। सरकार का यह फरमान वेतन आयोगों की लोकप्रिय गाइडलाइन के खिलाफ है।
26 जून 2021 को हुई राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) की 48वीं बैठक में कर्मचारी पक्ष ने मांग की थी कि केंद्र सरकार के कर्मियों और पेंशनभोगियों को 01/01/2020 से डीए/डीआर की 3 किस्तों का भुगतान किया जाए। कैबिनेट सचिव को लिखे अपने पत्र में, जेसीएम सचिव ने फरवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से दिए गए एक फैसले का उल्लेख किया। इस फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, वित्तीय संकट के कारण कर्मियों की आय या पेंशन को नुकसान हो सकता है। अस्थायी रूप से रोका जाए। स्थिति में सुधार होने पर इसे कर्मियों को लौटाना होगा। यह श्रमिकों का उचित अधिकार है। उन्हें कानून के अनुरूप भुगतान करना होगा।